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हज़रत ख़्वाजा बाक़ी बिल्लाह नक्शबंदी देहलवी रहमतुल्लाह अलैह की हालाते ज़िन्दगी (Part-2)
हज़रत ख़्वाजा बाक़ी बिल्लाह नक्शबंदी देहलवी रहमतुल्लाह अलैह की कशफो करामात और आप की औलादे अमजाद व खुलफ़ा, हज़रत ख़्वाजा बाक़ी बिल्लाह रहमतुल्लाह अलैह का तसर्रुफ़ :- हज़रत ख़्वाजा बाक़ी बिल्लाह रहमतुल्लाह अलैह की करामातों में से एक बहुत बड़ी करामत ये भी है के आप ने तीन चार साल से...
हज़रत ख़्वाजा बाक़ी बिल्लाह नक्शबंदी देहलवी रहमतुल्लाह अलैह की हालाते ज़िन्दगी (Part-1)
आप का तआरुफ़ :- सेंटरल एशिया के अंदर मावरा उन्नहर में उज़्बेकिस्तान रशिया के स्टेट सूबों के अंदर नक्शबंदी सिलसिले को जो उरूजो तरक़्क़ी व शोहरत मिली है वो ""हज़रत ख़्वाजा बहाउद्दीन नक्शबंदी रहमतुल्लाह अलैह"" ने दी है, और हिंदुस्तान के अंदर जो बानी हैं यानि फाउंडर हैं जब के...
शैखुल आलम शैख़ अहमद अब्दुल हक़ रुदौलवी तौशा बाराबंकवी की हालाते ज़िन्दगी (Part-2)
शैखुल आलम शैख़ अहमद अब्दुल हक़ रुदौलवी तौशा रहमतुल्लाह अलैह का सिलसिलए नसब :- अमीरुल मोमिनीन ख़लीफ़ए दोम हज़रत उमर फ़ारूक़े आज़म रदियल्लाहु अन्हु, हज़रत शैख़ अब्दुल्लाह रदियल्लाहु अन्हु,हज़रत शैख़ नासिर रहमतुल्लाह अलैह,हज़रत शैख़ मंसूर रहमतुल्लाह अलैह, हज़रत शैख़ सुलेमान रहमतुल्लाह...
शैखुल आलम शैख़ अहमद अब्दुल हक़ रुदौलवी तौशा बाराबंकवी की हालाते ज़िन्दगी (Part-1)
(1)सिलसिलए आलिया साबिरिया चिश्तिया के मशाइखे इज़ाम की तफ्सीली जानकारी :- सिलसिलए चिश्तिया के सरबराह इमामुल असफिया व आरफीन, मुजतहिद व फ़क़ीह हज़रत सय्यदना हसन बसरी रदियल्लाहु अन्हु की ज़ाते मुबारक है, आप की इस फ़ज़ीलत व बुज़ुरगी का सबब इमामुल मुत्तक़ीन अमीरुल मोमिनीन बाबे शहरे...
हज़रत सय्यदना इमाम मुहम्मद बिन मुहम्मद ग़ज़ाली शाफ़ई रहमतुल्लाह अलैह की हालाते ज़िन्दगी
पेशे लफ्ज़ :- पांचवी सदी हिजरी में जो बा कमाल मशाहीर आसमाने इल्मों फ़ज़ल के रौशन सितारे बनकर चमके उनमे "हुज्जतुल इस्लाम हज़रत सय्य्दना इमाम ग़ज़ाली रहमतुल्लाह अलैह" बहुत नुमाया और मुमताज़ हैसियत रखते थे, आप को मुख्तलिफ उलूमो फुनून में महारते ताम्मा हासिल थी, तसव्वुफ़ व तरीकत...
माहे जमादियुल उखरा में किस बुज़रुग का उर्स किस तारिख को होता है?
"माहे जमादियुल उखरा मुबारक" :- जमादि का माना है "बर्फ का जमना" जब इस महीने का नाम रखा गया तब सख्त सरदी ठण्ड थी और कुछ मुल्को में बर्फ पड़ रही थी, तालाब वगैरह जमे हुए थे, इस लिए इसे माहे जमादीउल-अव्वल कहा जाता है, Read this also सरकार महबूबे इलाही निज़ामुद्दीन औलिया...
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